खरगोन/ मंडलेश्वर से महू की और जाने पर 37 किमी की दुरी पर है जाम गेट, जो बरसात के मौसम में हिल स्टेशन जैसा लगता है | जाम दरवाजा राज्य संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है |
खरगोन जिले ग्राम बागरदा के जाम दरवाजा को राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश प्राचीन स्मारक पुरातत्त्वीय स्थल तथा अवशेष अधिनियम के अंतर्गत राज्य संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है। ग्राम बागरदा खरगोन जिले महेश्वर तहसील में आता है | इसके अंतर्गत बीट बागरदा आरक्षित वन क्षेत्र कक्ष क्रमांक 57 की 0.040 हेक्टेयर भूमि अधीन की गई है।
माँ अहिल्याबाई होलकर ने इसका निर्माण करवाया था | अहिल्याबाई होलकर इस मार्ग का उपयोग महेश्वर से इंदौर जाने के लिए करती थीं | विंध्याचल पर्वतमाला पर स्थित यह एक पर्यटक स्थल है | बरसात के मौसम में हरयाली चारों तरफ दिखाई देती है | इंदौर और आसपास से पर्यटक यहाँ की सुंदरता निहारने आते है | जाम गेट पर ही पहाड़ पर माता पार्वती का प्राचीन मंदिर स्तिथ है |