खरगोन। फोटो 18 फरवरी, जैन समाज सहित जनमानस के लिए रविवार का दिन बेहद दु:खी करने वाला रहा। जैन समाज के वर्तमान के वर्धमान कहे जाने वाले संत आचार्य विद्यासागर महाराज ने समाधि लेते हुए 3 दिन के उपवास के बाद अपना देह त्याग दिया है। संतश्री के देह त्यागने का समाचार मिलते ही खरगोन शहर में भी शोक की लहर छा गई।
खरगोन शहर के श्री 108 विद्यासागर स्वाध्याय भवन श्री पाश्र्वनाथ मंदिर टेगौर पार्क में दोपहर एक बजे समाजजनों के साथ ही शहर के प्रबुद्धजन एकत्रित हुए। यहां छत्तीसगढ़ राज्य के तीर्थक्षेत्र (डोंगरगढ़) चंद्रगीरी में दोपहर 1 बजे निकलने वाली चालडोल यात्रा का सीधा प्रसारण समाजजनों ने प्रोजेक्टर के माध्यम से देखा। ईश्वर रुपी श्रीसंत के अंतिम दर्शन के दौरान उपस्थित अनुयायी भावुक हो उठे, कई महिला. पुरुषों की आंखें छलकती नजर आई। समाजजनों ने बताया संतश्री के देहावसान का समाचार मिलने के बाद समाज के कई घरों में सुबह चूल्हा नही जला, समूचा समाज स्तब्ध, शोक संतृप्त है।
युगदृष्टा ब्रह्मांड के देवता थे संत शिरोमणि
टेगौर पार्क मंदिर में श्रद्धांजलि सभा के दौरान दिगंबर जैन समाज अध्यक्ष विनोद जैन ने बताया ब्रह्मलीन विद्यासागरजी युगदृष्टा ब्रह्मांड के देवता थे। जन जन के संत ने शनिवार रात 2:35 बजे संल्लेखना पूर्वक समाधि (देह त्याग) हुई। शरीर त्यागने से पहले उन्होंने पूर्ण जागृतावस्था में आचार्य पद का भी त्याग कर दिया था। रविवार को अंतिम यात्रा के बाद डोला (पार्थिव देह) को अग्निकुंड के पास रखा गया। पूजन के बाद अग्निकुंड में आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज का अंतिम संस्कार किया गया। इसका सीधा प्रसारण शहर के जैन धर्मावलंबियों सहित प्रबुद्धजनों ने देखकर मुनीश्री को नम आंखों से नमन किया।
समाज के शैलेश जैन ने कहा कि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना जैन समाज सहित देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गौसेवा. गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे।
श्रद्धांजलि सभा में श्वेताम्बर श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाश जैन, मुर्तिपूजक श्रीसंघ अध्यक्ष कांतिलाल शाह, आनंद जैन एडवोकेट, सुनील जैन, जितेंद्र जैन, अभिषेक जैन, विनीत जैन, यश जैन, कांग्रेस जिलाध्यक्ष रवि नाईक, जितेन्द्र जोशी, परविंदरसिंह चावला, गुरमीत भाटिया, आरएसएस के हुकुम वर्मा, अभय श्रीवास्तव, सुरेश व्यास सहित विवेक जैन, महिला मंडल, युवा मंडल के साथ शहर के प्रबुुद्धजनों, व्यापारियों, जनप्रतिनिधियों ने शामिल होकर संतश्री को भावभिनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
1996 में हुआ था शहर का आगमन
श्रद्धांजलि सभा में समाजजनों ने बताया कि करीब 28 साल पहले संतश्री के चरण शहर की धरती पर पड़े थे। शहरवासियों को उनके दर्शन और सेवा का अवसर मिलना सौभाग्य की बात रहा था। वे ठिबगांव में रात्रि विश्राम के बाद टेगौर पार्क मंदिर पहुंचे थे। यहां से तीर्थक्षेत्र ऊन विहार किया था।